रात भर ,
मेरी आँखों और अश्कों में,
चलती रही बातचीत,
न आँखें मेरी चुप होने न का नाम लेती न,
न अश्क उनसे जुदा होना चाहता .
सोयी नहीं पायी मैं,
तकिया भी दे रहा था सबूत ,
इस बात का,
कितनी लम्बी चली है बातचीत ,
सुबह-सुबह हर कोना उसका,
लगता है जैसे अश्कों से नहाया हुआ था,
और गालों पे मेरे जमे थे कुछ अश्क,
जैसे यादें अक्सर दिल-ओ-दिमाग में जा बैठती है.
--------------------------------नितिका सिन्हा.
raato ka aalam to sirf aalam-e=tanhai tha......tera wajud fir bhi mere dil-o-jaan pe tha.........kehta raha mai raat se raat bhar ke sula de mujhe..........par mere ashko se to raat ko bhi bohot pyaar tha........by'' rajveer singh...
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