वजूद यादों का
मुलाकात न हुई कभी मेरी,
खुदा से,
नहीं मैं देखी हूँ उससे कभी.
यादें तेरी ही है भगवान मेरा,
जीती हूँ क्यूंकि इसके सहारे पर.
हर पल ,हर पलछिन में,
साथ होती हैं मेरी तेरी यादें.
जैसे रूह का साथ होता है,
इक जिस्म से ,
जैसे रूह बिन कोई वजूद नहीं,
इस जिस्म का,
नहीं है वजूद मेरे वैसे ही,
तेरी यादों के बिना.
-----------------------नितिका सिन्हा
Wooow
ReplyDeleteNice line
nice lines...........awsm....
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